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082 _aUK 891.4301 JOS
100 _aJoshi, Shankar
245 _aGaun ki yaadein train tak
260 _aDehradun
_bSamay sakshay
_c2019
300 _a72 p.
520 _aअपनी हिन्दी कविताओं को किताब का रूप लेता देखकर अपार हर्ष हो रहा है। एक कवि के लिये यह पल विशेष होता है, मेरी कविताएं गाँव की कविताएं हैं, अवश्य ही आपको गाँव के दिन याद आऐंगे। उत्तराखण्ड के गाँव आज पलायन की पीड़ा झेल रहे हैं, गाँव के गाँव खाली हो रहे हैं, पहाड़ की खेती खत्म हो रही है। रीति-रिवाजों व त्योहारों पर भी खतरा मंडरा रहा है। मेरी सभी कविताएं इन्ही हालातों का प्रतिबिम्ब हैं।
650 _aPoems
942 _cB