000 | 03905nam a22001697a 4500 | ||
---|---|---|---|
999 |
_c346628 _d346628 |
||
003 | 0 | ||
005 | 20220527180457.0 | ||
020 | _a978-81-86810-18-8 | ||
082 | _aH 912.115 CHA | ||
100 | _aChakrwarti, Tapas | ||
245 | _aRuk jaana nahi | ||
260 |
_aDehradsun, _bSamay sakshya _c2016 p. |
||
300 | _a162 p. | ||
520 | _aयात्रा वृतांत एक अत्यंत रोचक तथा महत्वपूर्ण विधा है जिसका एक लंबा इतिहास है। यात्रा वृतांत, साधारणतः रुचिपूर्ण होते हैं क्योंकि लेखकों द्वारा दिया गया विवरण वास्तविक एवं उनके अपने अनुभवों पर आधारित होता है। ये यात्रा वृतांत यात्रियों व पर्यटकों के लिए तो अच्छे मार्गदर्शक होते ही हैं, आम पाठकों के लिए भी रोचक जानकारियों से भरपूर होते हैं। कई बार तो लेखकों द्वारा दिया गया विवरण इतना आकर्षक होता है कि पाठकों को ऐसा महसूस होता है कि वह भी उन स्थानों का भ्रमण कर रहा है। यात्रा साहित्य की इतिहास के श्रोत के रूप में भी महत्ता है। कुछ प्रसिद्ध यात्रियों द्वारा लिखे गए यात्रा वृतांत तो समकालीन इतिहास की एक झलक देने के लिए पर्याप्त हैं। भारतीय इतिहास की पृष्ठभूमि में देखा जाए तो फाह्यान तथा हुएन - सांग द्वारा लिखे हुए यात्रा वृतांतों से हमें बेहद महत्वपूर्ण जानकारी हासिल होती है। आधुनिक युग में भी राहुल सांस्कृतायन के लिखे यात्रा वृतांतों को तत्कालीन देशकाल के बारे में जानकारी देने के कारण सर्वश्रेष्ठ माना गया। तापस चक्रवर्ती ने अपनी पुस्तक 'रुक जाना नहीं' में अपने यात्रा वृतांतों को अपनी विशिष्ट शैली में लिखा है। पूर्वी, पश्चिमी उत्तरी व दक्षिणी भारत के कई स्थानों का विवरण प्रस्तुत पुस्तक में मौजूद है। उन्होंने इन स्थानों की भौगोलिक स्थिति तथा उनका इतिहास बताने के अलावा उनकी महत्ता भी बताने का प्रयास किया है। हर अध्याय के अंत में लेखक ने टूर गाइड भी उपलब्ध किया है जिससे उन स्थानों का दौरा करने के पर्यटकों को समुचित मार्गदर्शन मिल सकेगा। | ||
650 | _aTravel | ||
942 | _cB |