000 01995nam a22001697a 4500
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020 _a978-93-90743-79-7
082 _aUK 954.51 BAL
100 _aBaluni, Dinesh Chandra
245 _aSeemant janpad Pithoragarh ithash aur sanskriti
260 _aDehradun
_bSamay sakshay
_c2021.
300 _a293 p.
520 _aइस जनपद की गहन घाटियों, कंदराओं और शैल शृंगों में प्राचीनकाल में देव, दानव, यक्ष, किन्नर, सिद्ध, गंदर्भ, नाग, ऋषि आदि का निवास स्थल रहा है। अनंतकाल से शिव-पार्वती के निवास कैलास-मानसरोवर को जाने वाले श्रद्धालु पिथौरागढ के मध्य से होकर गुजरते रहे हैं। जिससे इस मार्ग में अनेक स्थानों पर तीर्थो और विश्रामालयों की स्थापना हुई। भगवान राम द्वारा सरयू और रामगंगा के संगम स्थल पर स्थापित रामेश्वर घाट एवं हाट कालिका ऐसे ही तीर्थ हैं। श्रद्धालुओं में इनके प्रति भारी मान्यता है। यहां के शौका तथा राजी जनजातियों को सबसे प्राचीन व मूल निवासी बताया जाता है। इनकी सांस्कृतिक विशेषताएं आज भी प्राचीन रूप में विद्यमान हैं।
650 _aPithoragarh
942 _cB