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020 _a9789391524043
082 _aH 891.43 MIS
100 _aMishra, Meera.
245 _aPreet tumhi sang
250 _a1st ed.
260 _aNew Delhi
_bAnamika Publishers & Distributers
_c2022
300 _a232 p.
520 _aमीराजी की कहानियाँ जहाँ एक ओर नॉस्टेल्जिया से बावस्ता हैं, वहीं ठोस धरती की निर्मम सच्चाई का दर्शन भी कराती हैं। नेताजी की लफंदरी ने राजनीति तथा समाज के भीतरी तहों की सीवन उधेड़ कर रख दी है। मीराजी की व्यंग्य पर अच्छी पकड़ है। कविताओं में भी व्यंग्य का पुट रहता है, कहानियाँ अधिक चुभती हुई लिखती हैं। इन्होंने कथन की सारी विधाओं तथा तेवर को साधने का प्रयास किया है। मीरा मिश्रा कवि हैं, कथाकार हैं, गद्यकार हैं, व्यंग्य की मंजी हुई शख्सियत हैं। जमीन से जुड़कर काम करने वाली एक्टिविस्ट हैं। इनके लेखन की रेंज गाँव से लेकर महानगर तक है । मुस्लिम-हिंदू का मसला है तो प्रेम प्यार की छौंक भी है। सीधे-सादे स्त्री-पुरुष की प्रेमकथा दिल को सहज ही छू लेती है। ‘प्रीत तुम्हीं संग' जो पहली कहानी है उसमें यही मूल तत्व है । 'कनियां' कहानी का पुरुष सचमुच नायक है। धीरोदात्त नायक । उसे अपनी कनियां पर पूरा भरोसा था कि वह चरित्रहीन हो नहीं सकती। वहीं पद की हवस में बेमेल विवाह आत्महत्या की हद तक चला जाता है । मीरा मिश्रा का अनुभव संसार स्मृतियाँ व्यापक हैं। सरयू की गोद में बसे गाँव की होने के कारण नॉस्टेल्जिया ऊपर खींच ले जाता है। यद्यपि यह संग्रह मीराजी का पहला है पर वे एक परिपक्व लेखिका हैं। इनकी कथाएं पाठकों को अवश्य अपनी गिरफ्त में ले लेंगी।
650 _aLiterature
942 _cB