000 | 02394nam a22001937a 4500 | ||
---|---|---|---|
999 |
_c346403 _d346403 |
||
003 | 0 | ||
005 | 20220421221103.0 | ||
020 | _a9789388789868 | ||
082 | _aH 934 SRI | ||
100 | _aSrivastava, Oma Prakash Laal | ||
245 | _aItihasa evam puratattva ke navin ayam : mudraom aur abhilekhom ke visesha sandarbha mein | ||
260 |
_aDelhi _bB.R. publishing corporation _c2021. |
||
300 | _a334 p. | ||
520 | _aइस पुस्तक से भारतीय इतिहास एवं पुरातत्त्व के विविध पक्षों पर प्रकाश पड़ता है, उदाहरणस्वरूप- कालिदास का समय ईसा पूर्व द्वितीय शताब्दी; पुष्यमित्र का राजवंश बैम्बिक; शूद्रक की तिथि ईसा पूर्व चौथी शताब्दी; महात्मा बुद्ध के धर्म-चक्र प्रवर्त्तन की तिथि 515 ईसा पूर्व महावीर के निर्वाण-स्थल पावा की वीरभारी से पहचान, कण्व वंश के शासकों की संशोधित नामावली; पुरास्थल एरच के नगर-सिक्के एवं मुद्राएँ; पंचाल सिक्कों एवं मुद्रांकों के आधार पर शासकों का वर्गीकरण; दक्षिण पंचाल के अज्ञात शासक; समुद्रगुप्त के इलाहाबाद स्तम्भलेख में वर्णित नागदत्त एवं नागसेन की पहचान के अतिरिक्त भारतीय अंक विज्ञान तथा शून्य एवं दशमिक पद्धति आदि उल्लेखनीय हैं। अतः यह पुस्तक भारतीय इतिहास के विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होगी। | ||
650 | _aInscriptions, Indic | ||
650 | _aArt, Indic | ||
650 | _aIndia | ||
942 | _cB |