000 | 02287nam a22001697a 4500 | ||
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999 |
_c346391 _d346391 |
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003 | 0 | ||
005 | 20220420222633.0 | ||
020 | _a9789388514101 | ||
082 | _aH 307.7 MEE | ||
100 | _aMeena, Man singh | ||
245 | _aBharat ki Pramukh Janjatiya evam vikashkram | ||
260 |
_aJaipur _bParadise _c2021 |
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300 | _a246 p. | ||
520 | _aभारत में लगभग 500 आदिवासी समूह विभिन्न प्रान्तों में निवास करते हैं। इनकी संख्या किसी प्रान्त में अधिक, बहुत अधिक तो कहाँ पर कम, बहुत कम है। कुछ प्रान्तों में तो आदिवासी दृष्टिगोचर ही नहीं होते हैं। इन आदिवासी समूहों में भी प्रान्त समूह है। जनसंख्या की दृष्टि से हमारे देश में इनका तीसरा स्थान है। मध्यभारत में यह जनजाति मध्यप्रदेश एवं राजस्थान में बसी हुई है। राजस्थान के दक्षिणायल अर्थात् मेवाड़ प्रदेश में भीलों का बाहुल्य है। भारतीय संविधान की पाँचवीं अनुसूचित के अन्तर्गत जनजातियों की स्थिति सुधारने के लिये राजस्थान सरकार ने समय समय पर विभिन्न कार्यक्रम प्रारम्भ किये हैं। इन कार्यक्रमों का उद्देश्य भूमि नियमों में सुधार, जनजातियों में व्याप्त ऋणग्रस्तता को समाप्त करना, बंधुवा मजदूरी का उन्मूलन तथा मद्यनिषेध आदि थे। | ||
650 | _aJanjatiya | ||
942 | _cB |