000 01912nam a22001817a 4500
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005 20220407192808.0
020 _a9789351868620
082 _aH VER
100 _aVerma, Vrindavanlal.
245 _aLagan :
_bKundalichakra
260 _aNew Delhi
_bPrabhat Prakashan
_c2016
300 _a246 p.
440 _aVrindavanlal Verma Granthmaala : 15
520 _aकहानी के चरित नायक देवसिंह का असली नाम नंदलाल था। यह बड़ा शक्तिशाली पुरुष था। अस्सी वर्ष की अवस्था में इसको दमरू नामक लोधी ने देखा है, जो सुल्तानपुरा में (चिरगाँव से डेढ़ मील उत्तर) रहता है। इसकी आयु इस समय नब्बे वर्ष की है। वह नंदलाल के बल की बहुत-सी आँखोंदेखी घटनाएँ बतलाता है। नंदलाल का भीषण पराक्रम, जिसका कहानी में वर्णन किया गया है, सच्ची घटना है। किंवदंती के रूप में अब भी आसपास के देहात में वह प्रसिद्ध है। कुछ घटनाएँ कल्पनामूलक हैं। बजटा ग्राम के उजड़ जाने पर नंदलाल के वंशज निकटवर्ती घुसगवाँ ग्राम में जा बसे हैं; परंतु उन्हें नंदलाल का ठीक-ठीक वृत्तांत ज्ञात नहीं है।
650 _aNovel
942 _cB