000 | 02753nam a2200181Ia 4500 | ||
---|---|---|---|
999 |
_c25738 _d25738 |
||
005 | 20220818153520.0 | ||
008 | 200202s9999 xx 000 0 und d | ||
082 | _aH 491.4302435 RAJ | ||
100 | _aKalpit, Kailash (ed.) | ||
245 | 0 | _aRajkaj hindi sandarbhika: rail,raksha lekha,mahalekha tatha kendriya utpadan shulka vibhagon se sambandh krayalayon mein Hindi kary sampadan ke liye | |
245 | 0 | _nv.1980 | |
260 | _aAllahabad | ||
260 | _bLokbharti Prakashan | ||
260 | _c1980 | ||
300 | _a258 p. | ||
520 | _aप्रशासनिक कार्यों को पुराने संस्कारवण अंग्रेजी में कार्य सम्पादित करते आने वाले कर्मचारियों के लिए यह एक कठिन समस्या समझी जाती रही है कि सरकार की नई रीति के अनुसार राष्ट्र का कार्य राजभाषा में कैसे किया जाय। इस सम्बन्ध में हिन्दी प्रशिक्षण का कार्य आवश्यक माना गया और सरकार के बहुत से कर्मचारियों ने हिन्दी सीख भी ली किन्तु फिर भी चूंकि सरकारी काम बहुत अंशों में तकनीकी प्रक्रिया से सम्पादित होता है, इसलिये सरकारी कार्यों में प्रयुक्त होने वाली शब्दावली के हिन्दी पर्याय के अभाव में साथ ही उनके हिन्दी मुहावरों के स्वरूप उपलब्ध होने के अभाव में प्रायः कठिनाई अनुभव होती है । 'राज-काज हिन्दी संदमिका' नामक पुस्तक का अव लोकन करने से मुझे आभास मिला कि यह पुस्तक हमारी यह आवश्यकता काफी दूर तक पूरी कर सकने में सक्षम हो सकती है। इस पुस्तक की सामग्री का चयन जिन परिच्छेदों में बाँट कर किया गया है वे सभी उपयोगी परिच्छेद है और उनका क्रम महत्वपूर्ण है । | ||
942 |
_cB _2ddc |