000 | 01124nam a2200217Ia 4500 | ||
---|---|---|---|
999 |
_c225937 _d225937 |
||
005 | 20221006151920.0 | ||
008 | 200208s9999 xx 000 0 und d | ||
020 | _a817138157X | ||
082 | _aCS 658.0028 SHA | ||
100 | _aSharma, Prempal | ||
245 | 0 | _aFunda management ka | |
260 | _aNew Delhi | ||
260 | _bSamayik Prakashan | ||
260 | _c2008 | ||
300 | _a144p. | ||
365 | _b200 | ||
365 | _dRS | ||
520 | _aप्रेमपाल की गहरी सामाजिक संपृक्ति ने व्यंग्य को सामाजिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक चेतना का माध्यम बनाने की पहल की है। एक सच्चा व्यंग्यकार महज हास्य तक ही खुद को सीमित नहीं रखता। इससे आगे बढ़कर वह अंतर्विरोधों और ढकोसलों पर धारदार प्रहार करता है | ||
650 | _aIRPS as an author | ||
942 |
_cB _2ddc |