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082 | _aCS 371 SHA | ||
100 | _aSharma, Prempal | ||
245 | 0 | _aPadhne ka anand | |
260 | _aNew Delhi | ||
260 | _bSamyik Books | ||
260 | _c2011 | ||
300 | _a239p. | ||
365 | _b360 | ||
365 | _dRS | ||
520 | _aकिताबी कीड़ा यह ऐसे व्यक्ति के लिए बोला जाता है, जिसे पढ़ने की बहुत धुन होती है। वह स्वयं को किताबों के मध्य प्रसन्न पाता है। उसका उद्देश्य होता है कि वह पढ़ाई मैं सदैव प्रथम आए। इस तरह के विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं होती है। वह स्वयं ही पढ़ाई करते हुए दिखाई देते हैं। | ||
650 | _aEducation | ||
942 |
_cB _2ddc |