000 | 01676nam a2200193Ia 4500 | ||
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999 |
_c219831 _d219831 |
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005 | 20221107101515.0 | ||
008 | 200208s9999 xx 000 0 und d | ||
020 | _a8173155399 | ||
082 | _aCS 954 VAR | ||
100 | _a"Varma, Pawan K." | ||
245 | 0 | _aBharatiya hone ka arth | |
260 | _aNew Delhi | ||
260 | _bPrabhat | ||
260 | _c2005 | ||
300 | _a215p. | ||
520 | _aभारतीय होने का अर्थ’ में लेखक ने अपनी सूक्ष्म और पैनी दृष्टि से भारतीयों की यथार्थ स्थिति और वैश्विक विकास में उनकी भागीदारी का परीक्षण करते हुए उनसे संबद्ध रूढ़ और मिथ्या धारणाओं तथा आम मान्यताओं का पूर्ण रूप से खंडन किया है। भारतीयों और भारत की संस्कृति का सूक्ष्म विश्लेषण करते हुए लेखक ने उन विसंगतियों और विरोधाभासों पर एक सर्वथा नवीन और चकितकारी निष्कर्ष प्रस्तुत किया है, जो शक्ति, संपदा और आध्यात्मिकता जैसे विषयों पर भारतीयों के दृष्टिकोण का चित्रण करते हैं। | ||
650 | _aIndia-History | ||
942 |
_cB _2ddc |