Prashaanik vyavastha aur kaaryaalayee Hindi
Material type:
TextPublication details: Jaipur , Paradise publisher 2021.Description: 256pISBN: - 9789388514606
- H 491.438 CHA
| Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 491.438 CHA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168017 |
कार्यालय की अपनी अलग भाषा होती है। बोलचाल की भाषा का कार्यालय में प्रयोग नही कर सकते, यदि ऐसा किया जाए तो कई भ्रांतियां उत्पन्न होंगी। बोलचाल की भाषा अनौपचारिक होती है। औपचारिकता का निर्वाह जितना कार्यालय भाषा में किया जाता है उतना व्यावहारिक जीवन में किसी क्षेत्र में नही देखा जाता है। जैसे परिवार तथा समाज में कुछ स्तर पर हर समय औपचारिकता का निर्वाह आवश्यक है उसी प्रकार प्रशासनिक और कार्यालयी स्तर पर हर समय औपचारिकता का पालन परमावश्यक है। इस प्रकार कार्यालयी हिन्दी अपना अलग महत्त्व रखती है और हिन्दी भाषा के विकास में अपना अपूर्व योगदान भी देती है।

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