Sahastaabdi ke agradarsi : adhunik Kabir
Material type:
TextPublication details: New Delhi Shivank 2018Description: 191 pISBN: - 9789383980109
- H 891.4312 ANA
| Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 891.4312 ANA (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168436 |
कबीर नाम में विश्वास रखते हैं, रूप में नहीं। हालाँकि भक्ति-संवेदना के सिद्धांतों में यह बात सामान्य रूप से प्रतिष्ठित है कि नाम रूप से बढ़कर है. लेकिन कबीर ने इस सामान्य सिद्धांत का क्रांतिधर्मी उपयोग किया। कबीर ने राम-नाम के साथ लोकमानस में शताब्दियों से रचे-बसे संश्लिष्ट भावों को उदात्त एवं व्यापक स्वरूप देकर उसे पुराण-प्रतिपादित ब्राह्मणवादी विचारधारा के खाँचे में बाँधे जाने से रोकने की कोशिश की।

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