Manvodvikas anushilan
- New Delhi Classical 1998.
- 216p.
शारीरिक मानव विज्ञान विषयक स्नातक स्नातकोत्तर एवं प्रशासनिक सेवा पाठ्यक्रमानुसार स्वव्याख्येय 'मानवो द्विकास अनुशीलन' पुस्तकान्तर्गंत जीव जगत में सर्वाधिक विकसित माने गये प्राइमेट गणीय आद्य- अल्पविकसित सदस्यों से आधुनिक चरम विकसित मानव पर्यन्त हुए जैविक उद्विकास का सांगोपांग विवरण समाहित है । इसमें समाहित मिन्ननाम्नी (प्रादेशिक क्षेत्रीय, महाद्वीपों या अन्य भौगोलिक आधारयुक्त जनसमूहों का वर्णन इस पुस्तक का विषय है।