इस वैज्ञानिक ग्रंथ में पाराशर, भारद्वाज और चरक जैसे अनेक प्राचीन शास्त्रकारों के सूक्ष्म निरीक्षण के उद्धाहरण दिये हैं। इसके साथ ही अन्य शास्त्रों में (जिनमें वेद, पुराण तथा काव्य सभी सन्निविष्ट हैं) जहाँ-जहाँ वनस्पतियों संबंधी वैज्ञानिक जानकारी मिलती है, इसका इस ग्रंथ में संकलन किया है।