Ghane Andhkar Main Khulti Khidki
- Noida Setu Prakashan 2023
- 446 p.
घने अन्धकार में खुलती खिड़की ईरान के मौजूदा यथार्थ, जो कि काफ़ी डरावना है, की एक जीती-जागती तस्वीर पेश करती है। यादवेन्द्र की यह किताब न कहानी है न उपन्यास, फिर भी यह एक दास्तान है। तनिक भी काल्पनिक नहीं। पूरी तरह प्रामाणिक । सारे किरदार वह सब कुछ बयान करते हैं जो उन्होंने भुगता है और उन सबके अनुभव एक दुख को साझा करते हैं - यह दुख है मज़हबी कट्टरता के आतंक में जीने का दुख। सन् 1979 में ईरान के शाह मुहम्मद रजा पहलवी के ख़िलाफ़ हुई क्रान्ति में जहाँ मज़हबी कट्टरवादी शक्तियाँ सक्रिय थीं, वहीं बहुत से लिबरल और सेकुलर समूह भी शामिल थे। लेकिन उस क्रान्ति के बाद मज़हबी कट्टरवादी ताक़तें सारी सत्ता पर क़ाबिज़ हो गयीं और दिनोदिन अधिकाधिक निरंकुश होती गयीं