यायावर: अधूरे एहसास-यह मात्र एक कविता संकलन नहीं, अपितु भावनाओं की उस यात्रा का साक्षी है, जिसे हम अनुभव तो करते हैं, पर शब्दों में पूर्णतः पिरो नहीं पाते। यह कृति उन अधूरे एहसासों का स्वरूप है, जो समय के प्रवाह में बहकर कहीं मौन हो जाते हैं।
आज, जब संबंध तात्कालिक हो चले हैं और भावनाएँ क्षणभंगुर, तब यह संग्रह संवेदनाओं के उन अनछुए पहलुओं को स्पर्श करता है, जो मन के किसी कोने में सहेजकर रख दिए गए थे। प्रेम, वियोग, संघर्ष, प्रकृति, समाज और राजनीति की जटिलताओं को स्पंदनशील अभिव्यक्ति देने का यह एक विनम्र प्रयास है।
एक यायावर मन की गहरी संवेदनाएँ, विचारों की अनुगूंज और शब्दों का यह ताना-बाना पाठकों को अपने अनुभवों से जोड़ने का प्रयास करता है-जहाँ हर कविता, एक नई अनुभूति, एक नया प्रतिबिंब बनकर उभरती है।