Hindi - Russian Muhavara Kosh
- New Delhi Vani Prakashan 2025
- 206 p.
मुहावरों की यह विशेषता होती है कि वे लोक-भाषा का अटूट हिस्सा होते हैं। समय और परिवेश के साथ-साथ भाषा बदलती है, मुहावरे भी नए रूप धारण करते जाते हैं। कुछ मुहावरों के मूल रूप में उनमें निहित संज्ञा उर्दू यानी फ़ारसी, अरबी, तुर्की आदि में थी लेकिन लोक-भाषाओं के संपर्क में आने पर इन मुहावरों की संज्ञा लोक-भाषा की संज्ञा में बदल गई है- उदाहरण के तौर पर नज़र के साथ वाले मुहावरे दीठ, डीठ आदि से भी मिलते हैं, ख़ून के मुहावरे लहू से भी मिलते हैं, दिल के कुछ मुहावरे हृदय के साथ भी प्रयोग में सुनाई देते हैं। स्थानीय भाषाओं में गठित लाक्षणिक अर्थों वाले पदबंधों को हमने अपने कोश में इसलिए रखा है ताकि रूसी विद्यार्थियों के लिए वे हर रूप में उपलब्ध रहें और उनके अर्थ खोजने में उन्हें आसानी हो ।