Ageya

teesra Saptak - New Delhi Vani - 239p.

तीसरा सप्तक - तीसरा सप्तक अज्ञेय द्वारा सम्पादित नयी कविता के सात कवियों की कविताओं का संग्रह है। इसमें कुँवर नारायण, कीर्ति चौधरी, सर्वेश्वर दयाल सक्सेना, मदन वात्स्यायन, प्रयाग नारायण त्रिपाठी, केदारनाथ सिंह और विजयदेवनरायण साही की रचनाएँ संकलित हैं। इसका प्रकाशन भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन से 1959 ई. में हुआ। जैसा कि एक विकासमान काव्य-परम्परा में उचित ही था, कविता-सप्तकों के अनुक्रम में यह तीसरा सप्तक पहले दोनों से आगे बढ़ा हुआ है या पिछले दोनों सप्तक अपने युग के सर्वोत्तम सात कवियों का संकलन हैं, ऐसा कोई दावा नहीं है। पर उत्सुक पाठक वर्ग के सामने एक साथ इतने विशिष्ट कवियों का कृतित्व प्रस्तुत करने का काम केवल सप्तक ही करते रहे हैं। ये संकलन न केवल उनका प्रतिनिधित्व करते हैं वरन् अपने युग का भी। और यह भी सत्य है कि तार सप्तक, दूसरा सप्तक और तीसरा सप्तक नयी हिन्दी कविता के इतिहास का अनिवार्य अंग बन चुके हैं। आधुनिक काल में किसी भी कला की साधना साहस कर्म है। काव्य रचना में तो यह साहस निहित है ही, क्योंकि आज वह एक वैचारिक साहसिकता भी माँगती हैं। इस एडवेंचर ऑफ़ आइडियाज़ में कवि और पाठक-वर्ग सहभागी होता रहे यही सप्तकों का उद्देश्य है, और इसी दृष्टि से उनका सम्पादन हुआ है।


Literature- Hindi; Poems; Jnanpith awarded author

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