Devi, Mahasweta

Meelu ke liye - New Delhi Vani 2012 - 96p.

आजकेसाहित्यकेठोसआधारकोआजकीठोसपरिस्थितियोंकेविश्लेषणसेहीखोजाजासकताहैऔरतभीइसकीबुनियादपक्कीहोगी।शोषणऔरउत्पीड़नकीप्रक्रियाकोनंगाकरनाहोगा।भारतकीजटिलवउलझीहुईभूमि-व्यवस्था, भूमिसुधार, कानूनकेभेसमेंखेतिहरमजदूरोंकाशोषण, जातीयउत्पीड़न, वर्गतथाजातीयउत्पीड़न, प्रशासनकाअसलीचेहराऔरआंदोलनकेअवसरवादीसुधारवादीवामपंथियोंद्वारानेतृत्व, येसबसमस्याएँहीआजकेसाहित्यकीभूमिकाऔरउसकेविकासकीदिशाकोतयकरेंगी।सत्यकोबार-बारदुहरानाहोगा।यहबहुतनाजुकवक़्तहै।आजकेपेशेवरलेखकोंकोइतिहासकभीमाफ़नहींकरेगा।हमसभीलेखकोंकेएकजुटहोकरजनताकीसमस्याओंकेवास्तविकगतिविधियोंकेसाथव्यक्तकरनाहोगा।लेखककीसमस्याओंऔरसंघर्षोंसेअलग-अलगरहनासबसेबड़ाअपराधहै।लेखकमौनरहाजबसिपाहियों , सी. आर. पी. औरसरकारकेपालेहुएगुंडोंनेकानूनऔरव्यवस्थाकेनामपरपश्चिमीबंगालकेएकविशालकत्लगाहमेंबदलदिया।आजभीबंगालमेंयेस्थितियाँदूसरेबदलेहुए, सुधारकेसाथमौजूदहैं।डेबरा-गोपीबल्लभगढ़मेंआजभीसरकारीआतंककायमहैं।लेखकोंकोइनसमस्तस्थितियोंसेजूझनाहोगा।

9788181436795


Novel; Hindi Fiction; Gupta, Sushil tr.

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