सन् 2010 से लेकर बाद के वर्षों में देश ने राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक क्षेत्र में बड़े बदलाव देखे हैं। ये वो दौर रहा, जब यूपीए दोबारा सत्ता में आई और अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाया। नई परियोजनाओं पर काम शुरू हुआ। 1 दुनिया भर में मंदी छाई रही, लेकिन भारत ने अपनी मजबूत अर्थव्यवस्था के दम पर इस मंदी की आंच अपने नागरिकों पर नहीं आने दी। इस करिश्मे के चलते दुनिया भर ने भारत का लोहा मानना शुरू कर दिया। लेकिन इसी दौर में देश में तमाम तरह के बड़े घोटाले भी सामने आए, जिनको सरकार की ही संवैधानिक संस्था सीएजी ने परत दर परत उजागर करना शुरू किया। टूजी स्पेक्ट्रम, कॉमनवेल्थ गेम्स और कोल ब्लॉक आवंटन में सामने आए घपलों ने यूपीए सरकार की पोल खोलकर रख दी और ईमानदार माने जाने वाले तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की छवि तार-तार हो गई।