Rajendra babu: patron ke aaine mein
- New Delhi Prabhat 2018
- 263p.
Volume I & II
905 से 1963 तक की वह अवधि, जिसके बीच लिखे गए पत्रों को कालक्रमानुसार इस संग्रह के दो खंडों में प्रस्तुत किया गया है, राजेंद्र बाबू के घटनापूर्ण जीवन एवं देश के इतिहास का एक महत्त्वपूर्ण युग था।