Phooley, Joteerao Govindrao

Gulamgiri - New Delhi Vani prakashan 2022 - 139 p.

महामानव ज्योतिबा फुले के सम्पूर्ण साहित्य का एक बहुत मत्वपूर्ण ग्रन्थ है ‘गुलामगिरी’| ज्योतिबा ने यह ग्रन्थ 1873 में प्रकाशित करवाया था| आज से 144 साल पहले, गुलाम भारत में छपे इस ग्रन्थ में प्राचीनकाल से चली आ रही ‘गुलाम प्रथा’ के बारे में बड़े ही खुले एवं विस्तृत रूप से लिखा है|

9789352296408


Hindi Literature

H 891.43 / PHO