Bhartiye Sanskiti ke aayam
- Delhi Samiksh 2017
- 272 p.
सेवा से अभियंता, हृदय से साहित्यकार, आत्म-अभिज्ञानपूर्ण मानवीय संवेदना के धनी तथा कुशल समाजसेवी की छवि सामने आते ही अभियंता श्री विश्वनाथ शर्मा की मनमोहक सूरत सामने आ खड़ी होती है। इनसे मेरा प्रथम परिचय सन् 1970 में आयोजित एक कवि सम्मेलन में हुआ और तत्काल ही वह एक आत्मीय मित्रता में परिणत हो गया जो आज तक यथावत है।