Meri ikkis kavitayen: aap ki pichli sadi ki
- New Delhi Shivank 2021
- 58 p.
कवि ने सूक्तियों के द्रष्टांत व्यवस्थापन में भी एक-विशेष काव्यकौशल्य का परिचय दिया है। 'अज्ञात परिचित' कविता का आलंबन शाश्वत धार्मिकता है। 'कल आज और कल' कविता 'स्व' के 'सर्वव्यापीकरण' की कविता है।