Fagudas ki diary
- Dehradun, Samaya sakshaya 2017.
- 102 p.
आत्मकथा के श्रेष्ठ गुण अर्थात ईमानदारी और सत्य को यथास्थिति परोसने का साहस, फागूदास की डायरी में भी पूरे शबाब में दिखता है। भाग्य ने फागूदास का साथ भले ही न दिया हो उसकी हस्तलिखित डायरी का भरपूर दिया है। बिहार में जन्मे फागूदास की डायरी पिथौरागढ़ के एक होटल में मिली। विद्या के कद्रदान मालिक ने इसके पन्नों से अंगीठी नहीं सुलगाई। वो इसे विद्वतजनों को दिखाते रहे और ऐसे ही एक दिन जब प्रोफेसर Prabhat Upreti की नज़र में ये डायरी आयी तो उन्होंने मेहनत से इस डायरी का जीर्णोद्धार कर, Nainital Samachar में सीरिज के रूप में प्रकाशित करवाया।