Garhwal me patrkarita aur hindi sahitya
- Srinagar garhwal Shri communication 2012
- 352 p.
गढ़वाल के जिन पत्रकारों, साहित्यकारों और सुधारकों ने स्वतंत्रता से पूर्व एवं आधुनिक परिप्रेक्ष्य में कार्य किया है, उन सभी को इस शोध प्रबंध में यथास्थान देते हुए बड़ी ही रोचक शैली में प्रस्तुत किया गया है। इससे गढ़वाल की विशाल लोक संस्कृति, सामाजिक व्यवस्था की जानकारी के साथ ही इतिहास का विस्तृत ज्ञान प्राप्त होता है। आपके गहन अध्ययन और खोजपूर्ण सामग्री का मैंने आद्योपान्त अध्ययन किया है और मुझे विश्वास है कि यह शोध प्रबंध युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा तथा गढ़वाल का बहुमुखी इतिहास जानने के लिए पथ प्रदर्शक का कार्य करेगा।