Saikshik proddhogiki evam kaksha-kaksh prabandhana
- Jaipur S.S. Book 2020
- 314 p.
आधुनिक युग 'तकनीकी युग' कहलाता है। विकास के प्रत्येक क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का विशेष योगदान रहा है। कृषि, उद्योग, व्यापार, वाणिज्य, यातायात आदि किसी भी क्षेत्र को लिया जाये, तकनीकी विकास की गति उस क्षेत्र में इतनी तीव्र है कि उसके साथ चलने में प्रत्येक क्षेत्र के वैज्ञानिकों भी उसके साथ चलने में कठिनाई का अनुभव होता है। शिक्षा का क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं रहा है।
शिक्षा के विभिन्न क्षेत्रों में संदर्भित तकनीकियों को विषयान्तर्गत सम्मिलित किया जा रहा है। शिक्षा संकाय के विभिन्न स्तरों पर भी कुछ वर्षों से तकनीकी शिक्षा को एक विषय के रूप में अथवा शाखा के रूप में सम्मिलित किया गया है। राजस्थान विश्वविद्यालय ने भी शैक्षिक प्रौद्योगिकी को एक विषय के रूप में शिक्षा संकाय में सम्मिलित किया है. बी.एड. स्तर पर इस वर्ष के नवीन पाठ्यक्रम में 'शैक्षिक प्रौद्योगिकी एवं कक्षा कक्ष प्रबन्धन' के नाम से एक विषय सम्मिलित किया गया है। यह पुस्तक लेखिका ने इसी को ध्यान में रखकर रचित की है, इसके अतिरिक्त अन्य विश्वविद्यालयों के शिक्षा संकायों में भी यह उपयोगी सिद्ध होगी, ऐसी आशा एवं पूर्ण विश्वास है। इसमें नवीनतम शैक्षिक प्रौद्योगिकी शिक्षण अधिगम सम्बन्ध, शिक्षण आव्यूह, संप्रेषण, शिक्षण विधियाँ, शिक्षण प्रतिमान मापन एवं मूल्यांकन तथा शैक्षिक साँख्यिकी आदि पर उपयोगी विषय वस्तु सम्मिलित की गयी है। यह वह विषय वस्तु है जिसका शिक्षों के लिए जानना तो जरूरी है ही शिक्षा संकाय के विद्यार्थियों के लिए भी इनकी जानकारी आवश्यकता के अनुरूप उपयोगी सिद्ध होगी। पुस्तक को उपयोगी बनाने का पूर्ण ध्यान एवं प्रयास किया गया है, तथापि अपने सहयोगियों एवं विद्यार्थियों से यदि कुछ सुझाव प्राप्त होंगे तो सहर्ष स्वीकृत होंगे।