Rahul

Netaji Subhashchandra Bose aur unka uttar jeevan - 1st ed. - New Delhi Swaraj Prakashan 2021 - 267 p.

“तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा" -के उद्घोषक नेताजी सुभाषचन्द्र बोस भारत की आजादी के महान नायक थे। उनके प्रति आज भी समस्त देश वासियों में अत्यधिक प्रेम व श्रद्धा का भाव निहित है। उनके द्वारा गठित आजाद हिन्द फौज की ऐतिहासिका रोचक कहानियाँ सभी को प्रेरित प्रभावित करती हैं। नेताजी कब, कहां, कैसे थे? 18 अगस्त 1945 ई. में हुई हवाई दुर्घटना का सच क्या है? वे गाँधी जी का सम्मान करते थे कि महात्मा गाँधी उनके बारे क्या सोचते थे? उनका व्यक्तित्व इतना ऊँचा था कि पं. नेहरू उनसे भय खाते थे? सुभाष बाबू की मौत का रहस्य क्या है? उसकी जांच के लिए गठित विभिन्न आयोगों की रिपोर्ट क्या है? आदि तथ्यों का बेबाक विवेचन डॉ. राहुल ने अपनी इस पुस्तक में किया है।

पुस्तक में सुभाषचन्द्र बोस द्वारा समय-समय पर ब्रिटिश अधिकारियों, न्यायाधीशों, रासबिहारी बोस, अपनी माँ प्रभावती देवी, महात्मा गाँधी तथा जवाहर लाल नेहरू को लिखे दुर्लभ महत्त्वपूर्ण कुछ पत्रों का उल्लेख भी किया गया है जिससे सामाजिक, राजनीतिक न्यायिक व्यवस्था का बोध होता है।

उनका उत्तर जीवन कैसा रहा? यह सवाल आज भी सवाली है। करोड़ों भारतवासी जानना चाहते हैं। उनके प्रति सभी के दिल में विशेष स्थान है। पुस्तक में इन सबका तथ्यात्मक और प्रामाणिक व्यौरा दिया गया है जो ऐतिहासिक तथा प्रासंगिक है। निस्संदेह यह पुस्तक नेताजी की जीवन्तता की भांति अपनी स्थायी महत्ता/उपादेयता लिए पुनः पुनः पठनीय है।

9788195271382


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