साइबर अपराध एक ऐसा अपराध है जिसमें कम्प्यूटर और नेटवर्क शामिल है। किसी भी कम्प्यूटर का अपराधिक स्थान पर मिलना या कम्प्यूटर से कोई अपराध करना साइबर अपराध कहलाता है। साइबर अपराध में नेटवर्क शामिल नहीं होता है। किसी कि निजी जानकारी को प्राप्त करना और उसका गलत इस्तमाल करना किसी की भी निजी जानकारी कम्प्यूटर से निकाल लेना या चोरी कर लेना भी साइबर अपराध है। साइबर अपराध भी कई प्रकार से किये जाते है जैसे कि जानकारी चोरी करना, जानकारी मिटाना, जानकारी मे फेर बदल करना, किसी कि जानकारी को किसी और देना या कम्प्यूटर की भागों की चोरी करना या नष्ट करना साइबर अपराध भी कई प्रकार के है जैसे कि स्पैम ईमेल, हैकिंग, फिशिंग, वायरस को डालना, किसी की जानकारी को ऑनलाइन प्राप्त करना या किसी पर हर वक्त नजर रखना।
भारत में हर दूसरे सेकंड, एक महिला साइबर अपराधों का शिकार होती है और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अब एक नया मंच है, जहां हर पल एक महिला को गरिमा, गोपनीयता और सुरक्षा को चुनौती दी जा रही है। ट्रोलिंग, गाली-गलौज, धमकी देना, पूरना, बर्बरता, बदनाम करना पीछा करना, बदला लेना और अश्लील बातें करना जैसे साइबर अपराध दुनिया में व्याप्त हैं। महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों में प्रभाव शारीरिक से अधिक मानसिक है जबकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कानूनों का ध्यान मानसिक नुकसान को तुलना में शारीरिक तौर पर अधिक है।
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