मीडिया एक दोधारी अस्त्र है। जहाँ एक तरफ यह लोगों के विचार को एक रूप देता है वही दूसरी तरफ पाठकों को आकर्षित करने के लिए सनसनीखेज मुद्दे बनाना इसका चरित्र है।
किसी बच्चे को सजा न देने के अपने मकसद पर आगे बढ़ते हुए किशोर न्याय अधिनियम के धारा 19 को शामिल किया गया। यह धारा सुनिश्चित करती है। कि "एक किशोर जिसने कोई अपराध किया है तथा उसे इस कानून के प्रावधानों के अंतर्गत लिया गया है तो फिर वह इस कानून के अंतर्गत किए जाने वाले किसी अपराध से बरी नहीं किया जाएगा।"