Prachin Bhartiya ranjnitik chintan ka itihaas
- Meerut Rahul publishing house 2019
- Vol. 1. (440 p.)
21वीं शताब्दी में राजनीति विज्ञान में प्राचीन भारतीय राजनीति के अध्ययन की परम्परा लगभग लुप्त होने के कागार पर है। अध्येता और शोधार्थी प्राचीन भारतीय राजनीति पर न शोध करना चाहते हैं, न ही इसे पढ़ना-पढ़ाना चाहते हैं। भारत का अपना राजनीति विज्ञान है जिसे नई पीढ़ी को जानना चाहिए। जिस तरह पश्चिम में राजनीतिक चिंतन का इतिहास है, उसी तरह भारत में भी है। प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन के इतिहास में राजनीतिक विज्ञान के लगभग सभी तत्व उपस्थित हैं। राज्य, न्याय, प्रशासन, सेना, कार्यपालिका, विधायिका, विकास, कल्याण, अर्थव्यवस्था आदि सभी उपस्थित है। इनकी व्याख्या आधुनिक सम्बन्ध में की जा सकती है। हिन्दी भाषा में तो प्राचीन भारतीय राजनीतिक चिंतन सामग्री का अभाव है। प्रस्तुत पुस्तक इस अभाव का दूर करने का प्रयास करती है। स्नातकोत्तर और शोध के विद्यार्थियों को प्रस्तुत पुस्तक रास्ता ही नहीं दिखाती अपितु उसे प्रचुर सामग्री भी उपलब्ध कराती है। इस पुस्तक से राजनीति विज्ञान को पढ़ने-पढ़ाने वाले लोगों को लाभ होगा, ऐसा विश्वास है।