आधुनिक युग में भी राजनीतिक व सामाजिक चिन्तन की विभिन्न धाराओं ने राष्ट्रीय प्रक्रिया को प्रस्तुत किया है। राज्य व समाज व्यवस्था के संबंद्ध में मौलिक चिन्तन का सृजन भी प्रस्तुत किया गया है। इस पुस्तक में उन सभी प्रतिनिधि राजनीतिक विचारधाराओं की अभिशंसा प्रस्तुत की गयी है जो मौलिक आख्यानों से संबद्ध है।