Mohan, Narendra (ed.)

Bahri-bhitri swatantrata ka rupak : lambi kavita dastavej - 3 - New Delhi Academic Publication 2021 - 246p.

लंबी कविता ने क्लासिकल रचना विधान की जकड़न से मुक्ति का एहसास कराया है। इस ने एक बड़ा कैनवस और खुलापन दिया है जिससे समय के साथ बदलती वास्तविकता के विभिन्न रूपों को पकड़ने की सामर्थ्य है। यह एक ओपन फॉर्म है समापन रुढ़ी से मुक्त। प्रस्तुत रचना ऐसा लचीलापन है की अनवरत प्रयोग करने की छूट है। इस तरह से देखे तो यह कला माध्यम बाहरी भीतरी स्वतंत्रता पर एकाग्र है। एक लंबे दौर में नित नए रूपों में वस्तु निरूपण, शैली शिल्प और भाषा के नए प्रयोगों द्वारा इस कला रूप ने अपनी मौलिकता को रेखांकित किया है।

9789383931217

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