Bhagat Singh (Hindi)इस उपन्यास का लिखना मेरे लिए एक प्राकृतिक घटना है ।। मेरे अन्दर भगत सिंह की चेतना के एक विचार मात्र से ऐसी प्रेरणा जागृत हुई। जिसने मुझे लगातार कई महीनों तक बिना अलार्म लगाये हर रोज। सुबह 3 बजे उठाया जिससे यह उपन्यास लिखना संभव हुआ ।। मुझे महसूस हुआ कि जीवन में सच्ची प्रेरणा कहीं बाहर से नहीं आती बल्कि किसी। विचार को अपनाने से स्वयं अन्दर से पैदा होती है ।। भगत सिंह लगातार कई सालों तक ऐसी ही अन्तः प्रेरणा से चले। जिससे वह छोटी सी उम्र में ही एक अच्छे व्यक्ति जोशीले व्यक्तित्व। जागरूक इन्सान व प्रभावशाली संगठक बन गये ।। भगत सिंह ने सिर्फ कह कर नहीं बल्कि करके दिखाया ।