Hindi telgu: sangya padbandh
- Agra Kendriya Hindi Sansthan 1987
- 184 p.
पुस्तक कुल चार अध्यायों में विभाजित है। प्रथम अध्याय में व्यतिरेकी अध्ययन और अन्य भाषाशिक्षण से संबंधित सैद्धांतिक चर्चा संक्षेप में प्रस्तुत हैं दूसरा अध्याय संज्ञा प्रतिस्थापकों से संबंधित है जहाँ पहले संज्ञा प्रतिस्थापकों की विवेचना प्राचीन और आधुनिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत की गयी है। तीसरे अध्याय में संज्ञा विशेषकों की प्राचीन व आधुनिक दृष्टिकोण से विवेचना प्रस्तुत करने के साथ-साथ दोनों भाषाओं के संज्ञा विशेषकों का वैज्ञानिक विश्लेषण एवं व्यतिरेकी विश्लेषण प्रस्तुत किया गया है। अंतिम अध्याय में शोधकार्य के निष्कर्ष के रूप में भाषाशिक्षण बिंदुओं की सूची दी गयी है।