Hindi bhasha ki vakya-sanrachna
- Delhi Sahitya Sahkar 1986
- 408 p.
प्रस्तुत पुस्तक में प्रथम बार विभिन्न विद्वानों के हिंदी रूप-रचना-विषयक लेख एक स्थान पर प्रकाशित किए जा रहे हैं। इस संग्रह से हिंदी में रूपिम- निर्धारण, कारकीय रूप, कारक और विभक्ति, संज्ञा- सर्वनाम के कारकीय रूप, परसर्गों का प्रयोग, क्रिया- विशेषणों में कितना अंश शब्द है और कितना अंश- आदि इत्यादि हिंदी-रूप-रचना के विभिन्न पक्षों की जानकारी मिल सकेगी।