Sharma, Prempal

Padhne ka anand - New Delhi Samyik Books 2011 - 239p.

किताबी कीड़ा यह ऐसे व्यक्ति के लिए बोला जाता है, जिसे पढ़ने की बहुत धुन होती है। वह स्वयं को किताबों के मध्य प्रसन्न पाता है। उसका उद्देश्य होता है कि वह पढ़ाई मैं सदैव प्रथम आए। इस तरह के विद्यार्थियों को पढ़ने के लिए कहने की आवश्यकता नहीं होती है। वह स्वयं ही पढ़ाई करते हुए दिखाई देते हैं।

9789380458151


Education

CS 371 SHA