Hooja, Meenakshi

Tune kya pilayi sanam - Jaipur Sahityagar 2009 - 136p.

भाव, विभाव और संचारी भावों के ऐश्वर्य की सृष्टि से मानवता की छटपटाहट, टकराहट, आकुलता व्याकुलता के आरोहण की सक्रिय आकांक्षा से झंकृत कवयित्री मीनाक्षी हूजा की कविताएँ आम आदमी की संवेदना को स्वर देते हुए वंचित को अपेक्षित महत्त्व देती हैं।

9788177111620


Hindi literature

CS 891.431 HOO