Pariyojana Niyojan tatha Niyantran
Material type:
- 9789383980383
- H 658.404 SRI
Item type | Current library | Call number | Status | Date due | Barcode | Item holds |
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Gandhi Smriti Library | H 658.404 SRI (Browse shelf(Opens below)) | Available | 168545 |
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जब एक उद्यमी किसी परियोजना को हाथ में लेना चाहता है, तब उसके लिए यह आवश्यक है कि वह परियोजना का इस प्रकार नियोजन करें जिससे उसे आवश्यक सफलता प्राप्त हो। ऐसा तब ही हो सकता है जब परियोजना की साध्यता का अच्छी तरह अध्ययन करने के बाद यदि परियोजना सभी तरह से साध्य हो तब ही उसे प्रारम्भ किया जाए तथा उसे नियोजित ढंग से समय पर पूरा किया जाए। परियोजना का तात्पर्य किसी नवीन उद्यम की स्थापना करना अथवा वर्तमान उत्पादन मिश्रण में किसी नवीन वस्तु को जोड़ना होता है। परियोजना एक उद्यमी को नवीन विनियोग का अवसर प्रदान करती है जिसमें लाभोपार्जन की संभावनाएं स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती हैं। आज का युग गतिशील युग है, इसमें हर पल नवीन परिवर्तन होते रहते हैं। अतः जो उद्यमी अपने व्यवसाय में इन परिवर्तनों के अनुसार परिवर्तन नहीं करता है, उसका व्यवसाय शीघ्र ही अलाभप्रद होकर समाप्त जाता है। अतः एक उद्यमी के लिए कुछ नवीन परियोजनाओं पर सदैव विचार करते रहना चाहिए। ये परियोजनाएं दो प्रकार की हो सकती हैं प्रथम, किसी विद्यमान व्यवसाय के लिए परियोजना तथा द्वितीय, किसी नवीन व्यवसाय की स्थापना के लिए परियोजना ।
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