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Aay Doguni karne hetu adhunik krishi evam labhkari Udimita Vikash- Madhya Bharat ke Pridrashya main

By: Material type: TextTextPublication details: New Delhi Today and TomorrowDescription: 328 pISBN:
  • 9788170196984
Subject(s): DDC classification:
  • H 338.1 Sin
Summary: भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग दो तिहाई आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। हरित क्रांति के द्वारा भारत में खाद्यान्न की कमी को दूरकर देश को खाद्य बाजार में बदल दिया। जिसके परिणामस्वरूप भारत ने तीन दशको के अंतराल में स्वयं को खाद्यान्न के शुद्ध निर्यातक के रूप में स्थापित किया है। भारत में मुख्यतया रबी, खरीफ और जायद तीन मौसमों में खेती की जाती है। रबी मौसम में मुख्यतया गेहूँ, चना, मटर और सरसों का उत्पादन होता है और खरीफ के मौसम में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन का उत्पादन होता है। हमारा देश गेहूँ एवं चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वर्तमान में, भारतीय कृषि में विविधीकरण का एक चरण देख रही है। फसलों की पारंपरिक प्रजातियों की जगह उच्च उपज वाली किस्मों के उत्पादन के प्रति किसानों में अधिक जागरूकता देखी गयी है। इसके साथ ही मशीनीकरण आधारित कृषि को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे श्रमिको की कमी की समस्या से निजात पाने में सहायता मिल रही है। अधिक उत्पादन के लिए उचित बीज दर, रासायनिक उर्वरकों के साथ जैविक खाद व कीटनाशको की सही मात्रा के उपयोग को बढ़ावा मिला और किसानों में इसे अपनाने के प्रति जागरूकता बढ़ी है। धान व गेंहू भारत की प्रमुख धान्य फसलें हैं। यह देष की खाद्य और पोशण सुरक्षा की कुंजी है। दुनिया में भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। यह शाकाहारियों के लिए प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत है। भारत में दालों का मुख्य उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक है। मध्यप्रदेष दाल उत्पादन के क्षेत्र एवं उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। तिलहन फसलों का उत्पादन व क्षेत्र मुख्यतया भारत के मध्य व दक्षिण भागों में अधिक होता है। जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक मुख्य राज्य है। मध्यप्रदेश सोयाबीन उत्पादन करने वाला प्रमुख राज्य है, सोयाबीन के बाद सरसों मध्यप्रदेश की दूसरी मुख्य तिलहन फसल है।
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भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां लगभग दो तिहाई आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। हरित क्रांति के द्वारा भारत में खाद्यान्न की कमी को दूरकर देश को खाद्य बाजार में बदल दिया। जिसके परिणामस्वरूप भारत ने तीन दशको के अंतराल में स्वयं को खाद्यान्न के शुद्ध निर्यातक के रूप में स्थापित किया है। भारत में मुख्यतया रबी, खरीफ और जायद तीन मौसमों में खेती की जाती है। रबी मौसम में मुख्यतया गेहूँ, चना, मटर और सरसों का उत्पादन होता है और खरीफ के मौसम में धान, मक्का, ज्वार, बाजरा, अरहर, मूँग, उड़द, कपास, जूट, मूँगफली और सोयाबीन का उत्पादन होता है। हमारा देश गेहूँ एवं चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। वर्तमान में, भारतीय कृषि में विविधीकरण का एक चरण देख रही है। फसलों की पारंपरिक प्रजातियों की जगह उच्च उपज वाली किस्मों के उत्पादन के प्रति किसानों में अधिक जागरूकता देखी गयी है। इसके साथ ही मशीनीकरण आधारित कृषि को भी बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे श्रमिको की कमी की समस्या से निजात पाने में सहायता मिल रही है। अधिक उत्पादन के लिए उचित बीज दर, रासायनिक उर्वरकों के साथ जैविक खाद व कीटनाशको की सही मात्रा के उपयोग को बढ़ावा मिला और किसानों में इसे अपनाने के प्रति जागरूकता बढ़ी है। धान व गेंहू भारत की प्रमुख धान्य फसलें हैं। यह देष की खाद्य और पोशण सुरक्षा की कुंजी है। दुनिया में भारत दालों का सबसे बड़ा उत्पादक और उपभोक्ता है। यह शाकाहारियों के लिए प्रोटीन का मुख्य स्त्रोत है। भारत में दालों का मुख्य उत्पादक राज्य मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और कर्नाटक है। मध्यप्रदेष दाल उत्पादन के क्षेत्र एवं उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। तिलहन फसलों का उत्पादन व क्षेत्र मुख्यतया भारत के मध्य व दक्षिण भागों में अधिक होता है। जिसमें मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक मुख्य राज्य है। मध्यप्रदेश सोयाबीन उत्पादन करने वाला प्रमुख राज्य है, सोयाबीन के बाद सरसों मध्यप्रदेश की दूसरी मुख्य तिलहन फसल है।

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