Ardhviram (Record no. 359600)

MARC details
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER
control field 0
005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION
control field 20250930120732.0
020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER
ISBN 9789362872050
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER
Classification number H SIN M
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME
Personal name Singh, Manish Kumar
245 ## - TITLE STATEMENT
Title Ardhviram
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT)
Place of publication New Delhi
Name of publisher Vani Prakashan
Year of publication 2025
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION
Number of Pages 264 p.
520 ## - SUMMARY, ETC.
Summary, etc हमें अपनी कथा ज़रूर लिखनी चाहिए। कोई उसे पढ़कर समझेगा तो कोई अनदेखा करेगा। लेकिन एक दिन ज़माने को यह महसूस होगा कि इस कथा में उसकी दास्तान भी लिखी हुई है। कथा में ज़िन्दगी का जो ख़ज़ाना होता है वह किसी सोने की खान में भी नहीं मिलेगा। एक घर, एक परिवार, दोस्तों के एक छोटे से समूह और एक शहर में हमें सारे जगत का लघु रूप मिल जायेगा। जो किताबों से प्यार करते हैं, वयस्क होने के बाद भी बारिश में बचपन के काग़ज़ की नाव को न भूले हों, छल-छद्म को नापसन्द करते हैं और दुनियादारी में पिछड़े हुए हैं, उन्हें भी नॉर्मल इन्सान माना जाये। उनके भी अपनी तरह से जीने के अधिकार को मान्यता मिले। क्योंकि जब सरल स्वभाव का व्यक्ति संकल्पबद्ध होकर सबका सामना करने उतरता है तो किसी के रोके नहीं रुकता। स्ट्रीट स्मार्ट लोगों में कई गुण होते होंगे लेकिन वे शायद मन्द ध्वनियों और अन्तर्ध्वनि को नहीं सुन सकते हैं। जो इन ध्वनियों को सुनने की क्षमता रखते हैं उनका भी इस संसार में स्थान है। दुनिया में सब कुछ तो ख़ैर किसी को नहीं मिलेगा। न तो दुनियादारी में पारंगत व्यक्ति को और न ही इस कला में पिछड़े लोगों को। परन्तु जो कुछ प्राप्त है उस सहेजना कोई कम बड़ी चीज़ थोड़े ना है। साहित्य सृजन 'थैंक्सलेस जॉब' है। लेकिन इस जॉब को करने हेतु बहुत पढ़ना, समझना और विचार करना पड़ता है। जहाँ एक ओर जिन रिश्तों को दुनिया बेहद ख़ास समझती है वे लोभ, माया और अहम् रूपी दीमक के शिकार होकर अपनी परम्परागत परिभाषा से परे चले जाते हैं वहीं दूसरी तरफ़ अनजान लोगों से मिली अप्रत्याशित आत्मीयता इन्सानियत के अस्तित्व में विश्वास क़ायम रखती है।
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM
Topical Term Hindi Novel
9 (RLIN) 15459
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA)
Koha item type Books
Holdings
Lost status Home library Current library Date acquired Cost, normal purchase price Full call number Accession Number Koha item type Public Note
  Gandhi Smriti Library Gandhi Smriti Library 2025-09-30 625.00 H SIN M 181209 Books 625.00

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