Aginkhor (Record no. 359579)
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
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005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9788126714667 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | H 891.4330 REN |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | Renu, Phanishwarnath |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Aginkhor |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | New Delhi |
Name of publisher | Rajkamal prakashan |
Year of publication | 2025 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 127 p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | हिन्दी भाषा फणीश्वरनाथ रेणु की ऋणी है उस शब्द सम्पदा के लिए जो उन्होंने स्थानीय बोली-परम्परा से लेकर हिन्दी को दी। नितान्त ज़मीन की खुशबू से रचे शब्दों को खड़ी बोली के फ्रेम में रखकर उन्होंने ऐसे प्रस्तुत किया कि वे उनके पाठकों की स्मृति में हमेशा-हमेशा के लिए जड़े रह गए। उनके लेखन का अधिकांश इस अर्थ में बार-बार पठनीय है। दूसरे जिस कारण से रेणु को लौट-लौटकर पढ़ना जरूरी हो जाता है, वह है उनकी संवेदना और उसे शब्दों में चित्रित करने की उनकी कला। वे भारतीय लोकजीवन और जनसाधारण के अस्तित्व के लिए निर्णायक अहमियत रखनेवाली भावधाराओं को तक़रीबन जादुई ढंग से पकड़ते हैं, और उतनी ही कुशलता से उसे पाठक के सामने प्रस्तुत कर देते हैं। इस संग्रह में ‘अग्निखोर’ के अलावा ‘मिथुन राशि’, ‘अक्ल और भैंस’, ‘रेखाएँ: वृत्त चक्र’, ‘तब शुभ नामे’, ‘एक अकहानी का सुपात्र’, ‘जैव’, ‘मन का रंग’, ‘लफड़ा’, ‘अग्निसंचारक’ और ‘भित्ति चित्ररी मयूरी’ कहानियाँ शामिल हैं। इन ग्यारह कहानियों में से हर एक कहानी और उसका हर पात्र इस बात का प्रमाण है कि उत्तर भारत, विशेषकर गंगा के तटीय इलाक़ों की ग्राम्य संवेदना और जीवन को समझने के लिए रेणु का ‘होना’ कितना महत्त्वपूर्ण और ज़रूरी है। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Kahaniya |
9 (RLIN) | 15389 |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Books |
Lost status | Home library | Current library | Date acquired | Cost, normal purchase price | Full call number | Accession Number | Koha item type | Public Note |
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Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2025-09-28 | 595.00 | H 891.4330 REN | 181232 | Books | 595.00 |