Nasha Mukt Bharat - Ek Sanklp (Record no. 359561)
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003 - CONTROL NUMBER IDENTIFIER | |
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005 - DATE AND TIME OF LATEST TRANSACTION | |
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020 ## - INTERNATIONAL STANDARD BOOK NUMBER | |
ISBN | 9789349908307 |
082 ## - DEWEY DECIMAL CLASSIFICATION NUMBER | |
Classification number | H 362.293 VYA |
100 ## - MAIN ENTRY--AUTHOR NAME | |
Personal name | Vyas, Hitesh |
245 ## - TITLE STATEMENT | |
Title | Nasha Mukt Bharat - Ek Sanklp |
260 ## - PUBLICATION, DISTRIBUTION, ETC. (IMPRINT) | |
Place of publication | New Delhi |
Name of publisher | DPS Publishing House |
Year of publication | 2025 |
300 ## - PHYSICAL DESCRIPTION | |
Number of Pages | 68 p. |
520 ## - SUMMARY, ETC. | |
Summary, etc | युवाओं में बढ़ती नशे की लत एक गंभीर समस्या है, जिसमें कई तरह के पदार्थ एवं व्यवहार शामिल हैं, जो इसके कारण बन सकते हैं। जब हम नशे के बारे में सोचते हैं तो मन में दो प्रकार के प्रश्न उठते हैं। पहला यह कि नशा आखिर क्यों? और, दूसरा यह कि इसके लिए जिम्मेदार कौन? आमजन इसके लिए साथी-संगति को जिम्मेदार ठहराते हैं। लेकिन, इसके कारण कुछ और हैं। आखिर युवाओं के हाथों में कलम की जगह आज सिगरेट और शराब की बोतल क्यों है? देश के बेटे एवं बेटियां ड्रग्स की गिरफ्त में क्यों जा रहे हैं? क्यों आज देश के सामान्य लोग नशे की गिरफ्त में आकर मुंह और फेफड़ों के कैंसर से मर रहे हैं? अगर इसकी तह तक जाएंगे तो पता चलेगा कि इसका मुख्य कारण आज के युवाओं में संस्कारों का अभाव है। संस्कारों के अभाव के चलते ही युवाओं की ऊर्जा भटक रही है। समाचार माध्यमों की सुर्खियां आएदिन नशे पर आधारित रहती हैं। 'नशे की गिरफ्त में युवा' जैसी हेडलाइन्स टेलीविजन में छाई रहती हैं। |
650 ## - SUBJECT ADDED ENTRY--TOPICAL TERM | |
Topical Term | Nashe Ko Bolo Na |
9 (RLIN) | 15329 |
942 ## - ADDED ENTRY ELEMENTS (KOHA) | |
Koha item type | Books |
Lost status | Home library | Current library | Date acquired | Cost, normal purchase price | Full call number | Accession Number | Koha item type | Public Note |
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Gandhi Smriti Library | Gandhi Smriti Library | 2025-09-27 | 195.00 | H 362.293 VYA | 180938 | Books | 195.00 |