Kya Hara Kya Jeet Gya
Mishra, Ashish
Kya Hara Kya Jeet Gya - New Delhi Vani Prakashan 2025 - 132 p.
थोड़ा परिचय में कहता हूँ, थोड़ा मुझको आप पढ़ें मेरी कविता अपनी मानें तब तो कोई बात बनें लिक्खी है मन से कविता गीत, ग़ज़ल के रूप में इनके भावों में घुलकर हम पंक्ति-पंक्ति साथ चलें।
9789371125307
Hindi Kavita
Hindi Poetry
H MIS A
Kya Hara Kya Jeet Gya - New Delhi Vani Prakashan 2025 - 132 p.
थोड़ा परिचय में कहता हूँ, थोड़ा मुझको आप पढ़ें मेरी कविता अपनी मानें तब तो कोई बात बनें लिक्खी है मन से कविता गीत, ग़ज़ल के रूप में इनके भावों में घुलकर हम पंक्ति-पंक्ति साथ चलें।
9789371125307
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H MIS A