Samajik nyay aur chetna ki bhartiya kavitayein
Verma, Mohan (ed.)
Samajik nyay aur chetna ki bhartiya kavitayein - Noida Setu 2021 - 448 p.
सामाजिक न्याय की मानव जीवन के सामाजिक, राजनीतिक और बौद्धिक परिसर में प्रमुखता से उपस्थिति आधुनिक युग के महान वैचारिक बोधों में एक है। फ्रांसीसी क्रान्ति से जन्मे विचारों (स्वतन्त्रता, समानता और बन्धुत्व) ने जिन स्वप्नों को जन्म दिया, सामाजिक न्याय उसकी अन्यतम परिणति होती। किन्तु तमाम सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक संघर्षो और स्वप्नों के बावजूद अन्याय, शोषण, गैरबराबरी आज भी समाज में बदस्तूर कायम हैं। यह कोई सुखद स्थिति तो नहीं ही कही जा सकती।
आधुनिक मनुष्य के कुछ स्वप्न हैं-बराबरी, अन्याय और शोषण से मुक्ति, भाईचारा मनुष्यता के इन अधूरे स्वप्नों और अनपाये लक्ष्यों के प्रति, एक यूटोपियाई दृष्टि रख कर, चिन्तकों, साहित्यकारों ने सृजन किया है। यह चिन्तन और सृजन की सचेतता का साक्ष्य है।
'सामाजिक न्याय और चेतना की भारतीय कविताएँ' सृजन की सचेतता का वही गवाक्ष हैं, जिनसे तमाम गड़बड़ियों के बावजूद, मनुष्यता का आकाश नीला जान पड़ता है। यह संग्रह जिस विशद् मनोभूमि में पाठकों को ले जाता है वह अद्वितीय है। इस संग्रह का साहित्य के पाठकों में व्यापक स्वागत होगा, ऐसी आशा की जा सकती है।
9789391277215
Hindi Poem
H 891.431 SAM
Samajik nyay aur chetna ki bhartiya kavitayein - Noida Setu 2021 - 448 p.
सामाजिक न्याय की मानव जीवन के सामाजिक, राजनीतिक और बौद्धिक परिसर में प्रमुखता से उपस्थिति आधुनिक युग के महान वैचारिक बोधों में एक है। फ्रांसीसी क्रान्ति से जन्मे विचारों (स्वतन्त्रता, समानता और बन्धुत्व) ने जिन स्वप्नों को जन्म दिया, सामाजिक न्याय उसकी अन्यतम परिणति होती। किन्तु तमाम सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक संघर्षो और स्वप्नों के बावजूद अन्याय, शोषण, गैरबराबरी आज भी समाज में बदस्तूर कायम हैं। यह कोई सुखद स्थिति तो नहीं ही कही जा सकती।
आधुनिक मनुष्य के कुछ स्वप्न हैं-बराबरी, अन्याय और शोषण से मुक्ति, भाईचारा मनुष्यता के इन अधूरे स्वप्नों और अनपाये लक्ष्यों के प्रति, एक यूटोपियाई दृष्टि रख कर, चिन्तकों, साहित्यकारों ने सृजन किया है। यह चिन्तन और सृजन की सचेतता का साक्ष्य है।
'सामाजिक न्याय और चेतना की भारतीय कविताएँ' सृजन की सचेतता का वही गवाक्ष हैं, जिनसे तमाम गड़बड़ियों के बावजूद, मनुष्यता का आकाश नीला जान पड़ता है। यह संग्रह जिस विशद् मनोभूमि में पाठकों को ले जाता है वह अद्वितीय है। इस संग्रह का साहित्य के पाठकों में व्यापक स्वागत होगा, ऐसी आशा की जा सकती है।
9789391277215
Hindi Poem
H 891.431 SAM